आइए, आज कथाकार रेणु के जन्मदिन पर उनकी कहानी ठेस पढ़ते हैं

04 मार्च 1921 को अररिया, बिहार के औराही हिंगना में जन्मे फणीश्वर नाथ रेणु मैट्रिक पास करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए बीएचयू गए, मगर 1942 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आह्वान पर उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. स्वभाव से क्रांतिकारी रेणु ने देश में आपातकाल लगने पर पद्मश्री और बिहार सरकार की तरफ से मिलने वाले ₹300 पेंशन को लौटा दिया था.