World Braille Day | नेत्रहीन छात्रों के हर अधिकार का हनन- ना स्कूल, ना ब्रेल प्रेस और ना ही सरकारी भर्ती में आरक्षण
हम नेत्रहीन लोग हैं. सरकार के लिए हम वोट बैंक नहीं हैं. इस वजह से नेत्रहीनों के प्रति सरकार असंवेदनशील रवैय्या अपना रही है. हमारे पढ़ाई के हर मुमकिन रास्ते को सरकार ने बंद कर दिया है. हमारी किताब भी छपवाना सरकार के लिए बहुत बड़ा पहाड़ जैसा काम लगता है. ऐसे में हम कहां जायें?