कविता तो हमेशा से ही एक हुक्मउदूली है: राजेश जोशी
हमने जिन्हें इत्यादि कह दिया है दरअसल वही इस समाज को बना रहे हैं।
हमने जिन्हें इत्यादि कह दिया है दरअसल वही इस समाज को बना रहे हैं।
आइए, आज प्रतिबद्ध कवि राजेश जोशी की एक कविता “मारे जाएंगे” पढ़ते हैं| यह कविता एक सच है, अपने लिखे जाने के समय के साथ-साथ यह आज के समय का भी सच है, सच जिसे ढक दिया जाता है, छिपा दिया जाता है, उसे राजेश जोशी अपनी कविताई में उजागर कर देते हैं और उनकी यह प्रतिबद्धता उनकी ज़िद भी है। यह कविता राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित ‘प्रतिनिधि कविताएं: राजेश जोशी’ संकलन में मौजूद है।