अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्लामा हॉल के छात्रों ने अपने प्रिंसिपल एवं प्रोवोस्ट (जो की एक ही आदमी है) के खिलाफ बाब-ऐ-सय्यद पर पिछले तीन दिनों से धरना प्रदर्शन कर रखा है. छात्रों में अपने प्रिंसिपल के तानाशाह व क्रूर रवैय्ये और अनेक प्रकार के अनैतिक प्रतिबन्ध की वजह से पिछले कई महीनों से आक्रोश था जो की आज बाब-ऐ-सय्यद पर धरने प्रदर्शन करते छात्रों की आँखों में साफ़ झलक रहा है. बारहवीं के एक छात्र के मुताबिक उन्हें नमाज़ अदा करने व दाढ़ी बढ़ाने से रोका जा रहा है जो की उनका धार्मिक अधिकार है. वहीं धरने पर बैठे एक दुसरे छात्र का कहना है की प्रिंसिपल व उनका स्टाफ उनसे अपमानजनक भाषा में बात करते हैं जो की एक सम्मानित पद पर बैठे व्यक्ति को शोभा नही देता है. दुसरे कई छात्रों की शिकायत है की प्रिंसिपल ने उन्हें डाइनिंग हॉल में ‘जेल के कैदियों’ की तरह खाना खाने पर मजबूर कर रखा है. बारहवीं के छात्र जिसने अपना नाम बताने से मना किया का कहना है की, ” हम छात्रों को डाइनिंग हॉल में हाथ में प्लेट लेकर लाइन में लग कर अपनी बारी का इंतज़ार करना पड़ता है और ऐसा व्यहवार सिर्फ जेल के कैदियों के साथ होता है किसी हॉस्टल के बच्चों के साथ नही. अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है की बच्चों को लाइन में लग कर खाना लेने पर मजबूर किया जा रहा है.”
डाइनिंग हॉल की बात में हमने और खोजबीन की तो पता चला की बच्चों की ये बात बिलकुल सच है. इन तस्वीरों में यह साफ़ दिख रहा है की बच्चे कैसे लाइन में लग कर खाने के लिए अपनी बारी का इंतज़ार कर रहे हैं.
कनेक्टिनक कोर्रेस्पोंडेंट की तरफ से