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क्रांतिकारी कवि ‘पाश’ को याद करते हुए

पाश सत्तर के दशक में पंजाबी काव्य जगत के रौशन सितारा थे। वह अपने समाज और अपनी ज़मीन से सीधे जुड़े हुए कवि थे। पाश की कविताओं को पढ़ते हुए बार-बार आप पाठक की भूमिका भूल जाते हैं और अपने समय और अपने ख़ुद के वजूद से एक बार फिर साक्षात्कार करने लगते हैं, और एक ऐसे आत्मसंघर्ष में उतर पड़ते हैं जो अपने किसी बहुत नज़दीकी दोस्त के साथ अंतरंग ईमानदार बातचीत के दौरान ही मुमकिन हो सकता है।

Casteism thrives in elite schools of India – Suicide of Darshan Solanki

“When he came last month, he told me, and mom-dad, that there’s caste discrimination happening there. His friends came to know that he belongs to a scheduled caste, so their behaviour towards him changed. They stopped talking to him, they stopped hanging out with him” – Jhanvi Solank, sister of Darshan Solanki  On February 12, …

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इंकलाब और मुहब्बत से लबरेज़ अहमद फ़राज़

मुहब्बतों का शायर समझे जाने वाले अहमद फ़राज़ की कई नज़्में उनके इंकलाबी तेवर को नुमाया करती हैं। आइए फ़राज़ की नज़्मों के इंकलाबी तासीर से रूबरू होते हैं।

The Curse of “Unlimited”

Life is beautiful when it is balanced. And the balance could only be achieved when human leave and comes out of the labyrinth of the greed of unlimited. It can only be possible when human starts understanding that the resources are limited and they do not inherit instead they are borrowed from the next coming generations. As the popular American Indian proverb says “We Do Not Inherit the Earth from Our Ancestors; We Borrow It from Our Children.”

संस्थाएं स्वतंत्र और निर्भीक व्यक्तियों को अफोर्ड ही नहीं कर सकती – शायदा बानो

हम इंसान के तौर पर कहाँ जा रहे हैं हैं मुझे नहीं मालूम।, इसमें हमारे समाज का ढांचा कितना  जिम्मेदार है मैं नहीं जानती पर यह सवाल तो है ही कि हम कितना निष्पक्ष और समतामूलक समाज बना पा रहे हैं?  

आप भी मुक्त हों और दूसरों को भी मुक्त करें – डॉ. सरबजीत सिंह के साथ बातचीत

डॉ सरबजीत सिंह पेशे से प्रोफेसर व अध्यक्ष है, पंजाबी विभाग, पंजाबविश्वविद्यालय चंडीगढ़ के। डॉ सरबजीत सिंह स्वभाव से शिक्षक के साथ साथ एक्टिविस्ट हैं, सामाजिक न्याय के पक्षधर हैं और बराबरी वाले एक सुंदर समाज को गढ़ने में योगदान दे रहे हैं। आप सबके लिए पेश हैं डॉ सरबजीत सिंह से हुई बातचीत :