Citizen’s Blog

Arbitrary Detention of Human Rights Defender Khurram Parvez

Khurram Parvez has worked extensively to document serious human rights violations, including enforced disappearances and unlawful killings, in Indian-administered Jammu and Kashmir. In his search for accountability, Parvez has been the victim of a number of incidents of reprisals reportedly for sharing this information with the United Nations, as documented in various reports of the Secretary-General and communications from UN special procedures mandate holders.

The Collective Silence on the Law Targeting Muslims Christians and Women

On Friday March 4, the Bharatiya Janata Party government in Haryana introduced the Haryana Prevention of Unlawful Conversion of Religious Bill, 2022 in the Vidhan Sabha. This step by the Haryana government follows similar moves by Uttar Pradesh, Uttarakhand, Madhya Pradesh, Himachal Pradesh, Gujarat and Karnataka, all BJP run states. These have been later passed as laws.

आइए, आज कथाकार रेणु के जन्मदिन पर उनकी कहानी ठेस पढ़ते हैं

04 मार्च 1921 को अररिया, बिहार के औराही हिंगना में जन्मे फणीश्वर नाथ रेणु मैट्रिक पास करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए बीएचयू गए, मगर 1942 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आह्वान पर उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. स्वभाव से क्रांतिकारी रेणु ने देश में आपातकाल लगने पर पद्मश्री और बिहार सरकार की तरफ से मिलने वाले ₹300 पेंशन को लौटा दिया था.

ज़िन्दगी को भी प्यार की दरकार है…

हम स्वास्थ्य की बात करते तो हैं पर हम स्वास्थ्य को लेकर कितने संजीदा और कितने संवेदनशील हैं, यह भी सोचने की हमें ज़रूरत है। एक समस्या हमारे साथ यह भी है जो चीज़ें हमें दीखती नहीं, हम उनके होने की संभावना तक को नकार देते हैं। हालांकि ऊपर कही अपनी ही बात पर यदि फिर से ठहर कर सोचूं तो पाती हूं कि ऐसा नहीं है कि वे चीज़ें दीखती नहीं हैं। यहाँ यह कहना ज़्यादा सही और बेहतर होगा कि हमने देखने समझने के लिए एक अलग घेरा, एक अलग दायरा बनाया हुआ है और उसके बाहर की चीज़ें हमें असली ही नहीं लगतीं इसलिए हम बार बार उसे अनदेखा करते हैं।

तय करो किस ओर हो तुम?

मैं पितृसत्ता के किसी भी औज़ार के साथ नहीं हूँ, पर मैं शिक्षा के हक़ में हूँ क्योंकि मुझे पता है कि इसी शिक्षा से हम एक दिन पितृसत्ता के उन तमाम औजारों को तोड़ डालेंगे। मैं शिक्षा के अपने हक़ को मांगती उस लड़की के साथ हूँ। अब, तय आपको करना है कि आप आखिर किस ओर हैं?

हम लड़ेंगे साथी… जब तक दुनिया में लड़ने की ज़रूरत बाकी है

जेंडर बराबरी, लैंगिक विमर्शों की तमाम बहसों के बीच हम सभी एक रॉन्ग वर्ल्ड में जी रहे हैं, जिसे राइट बनाने की ज़िम्मेदारी बेशक हम सभी की है और इसके लिए ज़रूरी है कि हम ख़ुद के भीतर एक बेहतर समझाइश पैदा करें और उसे हर रोज़ बेहतर करते रहें। हमारी लर्निंग  और अनलर्निंग की कोशिशें साथ साथ चलती रहें- यह भी बहुत ज़रूरी है। 

Why Muslim Women are on the Targets of Hindutva fanatics?

Religion does not talk about hate and violence. The utmost teaching of any religion is the service of mankind. And Indian constitution through its articles grants freedom to practice ones own religion. The most ridiculous thing Hindutva fanatics did in the name of Dharm Sansad is normalized hate. The open call for arm violence against Muslims has encouraged the belief there is nothing wrong in hating and attacking fellow Muslims.

Republic Sovereignty Possessed By the Despotic Dogmas under PM Modi led BJP Government in India

A republic nation is defined as “a state in which the supreme power rests in the body of citizens entitled to vote and is exercised by representatives chosen directly or indirectly by them.” India marks January 26 as its Republic Day every year. In 2022, the country is celebrating its 73rd Republic Day. 

However, after seven decades India gradually is on the verge of becoming an ethnocracy. Under the Narendra Modi led BJP government the country is normalizing the notion of Hindu Rashtra; indirect majoritarian governance.